Sunday, 16 March 2014
Adhure Khvab
कुछख्वाब है छोटे छोटे
और नीम की परछाई है
मेरी जिन्दगी की बस
इतनी ही कमाई है
टूटता हूँ बिखरता हूँ
फिर उठके चलता हूँ
हर दो कदम केफासले पर
सिर्फमिली तन्हाई है
मेरी जिन्दगी की बस
इतनी ही कमाई है
दो प्यारकरने वाले
है मेरे घर पर
और मिले कुछ
दोस्त भाई है
बस उनकी ही
हौसला अफजाई है
मेरी जिन्दगी की बस
इतनी ही कमाई है
कुछसूखे पत्ते है
यादो के
गुलाबो की पंखुड़ियाँ
किताबो मेँ
सूखने को आईहै
कुछउनकी
यादो की परछाई है
मेरी जिन्दगी की बस
इतनी ही कमाई है
कुछख्वाब है बुने
कुछअनकहे शब्दो की तरुणाई है
कभी मंजिल की परछाई है
मेरी जिन्दगी की बस
इतनी ही कमाई है
कभी खुशी है कभी गम
कभी आसमान समेटने का हौसला
कभी मिली रुस्वाई है
मेरी जिन्दगी की बस
इतनी ही कमाई है
कुछख्वाब है छोटे छोटे
और नीम की परछाई है
मेरी जिन्दगी की बस
इतनी ही कमाई है
© Hitesh Borkhade
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